उज्जैन महाकाल मंदिर में फर्जी अनुमति से प्रवेश का मामला, हाई-टेक तरीके से पकड़ा गया शख्स; रौनक पर बीएनएस की धारा 318(4) के तहत केस दर्ज

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में फर्जी अनुमति से प्रवेश करने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। शनिवार सुबह भस्म आरती के दौरान मुंबई निवासी रौनक परमार को फर्जी अनुमति के साथ पकड़ा गया, जिससे मंदिर प्रशासन और पुलिस में हड़कंप मच गया।
कैसे पकड़ा गया आरोपी?
रौनक अपने 9 साथियों के साथ भस्म आरती दर्शन के लिए उज्जैन पहुंचा था। उसके सभी साथियों को आधिकारिक अनुमति मिल गई थी, लेकिन रौनक को नहीं। बिना अनुमति के अंदर जाने के लिए उसने हाई-टेक तरीका अपनाया – अपने मोबाइल के सॉफ्टवेयर का उपयोग कर अपने साथियों की अनुमति को एडिट किया और उसमें अपना नाम डाल दिया। जब वह प्रवेश करने की कोशिश कर रहा था, त्रिनेत्र कंट्रोल रूम में अनुमति की कंप्यूटर चेकिंग के दौरान केएसएस कंपनी के कर्मचारी केशव परिहार को गड़बड़ी नजर आई। तुरंत उसे पकड़ लिया गया और भस्म आरती प्रभारी आशीष दुबे ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद रौनक को महाकाल थाने भेज दिया गया। पुलिस ने रौनक परमार के खिलाफ बीएनएस की धारा 318(4) के तहत केस दर्ज किया है। यह तीन दिनों में दूसरा मामला है, जब किसी ने फर्जी अनुमति से महाकाल मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की हो।
तीन दिन पहले ही नोएडा निवासी मुकुल और उनकी पत्नी चीनू भाटी ने श्याम सिंह और सरोज देवी के आधार कार्ड में छेड़छाड़ कर अपनी तस्वीर लगा दी थी और महाकाल मंदिर में फर्जी अनुमति से प्रवेश कर लिया था। लेकिन जब असली श्याम सिंह और सरोज देवी मंदिर पहुंचे, तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। जांच के बाद महाकाल थाना पुलिस ने मुकुल और चीनू भाटी के खिलाफ मामला दर्ज किया।